नवरात्रे क्यों मनाये जाते है ? Navratras Festival why celebrated?

 नवरात्रे क्यों मनाये जाते है (navratras kyo manaya jata hai? Navratras Festival why celebrated?

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नवरात्रे क्यों मनाये जाते है (navratras kyo manaya jata hai?)

इसके पीछे बी एक कहानी है। जब भी बात नवरात्रो     की आती है तो हमारा दिमाग पाठ-पूजा, देवी मां की अर्चना-आरती करने का मैं करता है  लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्र का त्योहार क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे क्या कहानी है ? अगर आप नहीं जानते तोह हमारी पोस्ट में बने रहे हम आपको इसकी कहानी बताते है क्यों मनाया जाता है नवरात्र  का त्यौहार
 बहुत पुराने समय से नवरात्र त्यौहार में  लोग , व्रत रखते आ रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से इस नवरात्र त्योहार को मनाया जाता है। तो वहीं कुछ लोग व्रत और उपवास रख मां दुर्गा और उसके नौ रूपों की पूजा करते हैं।  लोग मंदिर जाकर पूजा करते है माँ की जोत जगाते है तोह आईये जानते है  नवरात्र त्योहार की कहानी

 
तोह आइये जानते है इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा।  महिषासुर नाम का एक बहूत ही शक्तिशाली राक्षस था। वो अमर होना चाहता था और उसी इच्छा के चलते उसने ब्रह्मा की कठोर तपस्या की। ब्रह्माजी उसकी तपस्या से खुश हुए और उसे दर्शन देकर कहा कि उसे जो भी वर चाहिए वो मांग सकता है। महिषासुर ने अपने लिए अमर होने का वरदान मांगा।
 
महिषासुर की ऐसी बात सुनकर ब्रह्मा जी बोले, जो इस संसार में पैदा हुआ है उसकी मौत होना निश्चित है। इसलिए जीवन और मृत्यु को छोड़कर जो चाहो मांग लो । पहले तोह महिषासुर ने अमर होने का ही वरदान पर अरा रहा लेकिन ब्रह्मा जी समझाने पर महिषासुर ने कहा,' ठीक है प्रभु, फिर मुझे ऐसा वरदान दीजिए कि मेरी मृत्यु ना तो किसी देवता या असुर के हाथों हो और ना ही किसी मानव के हाथों। अगर हो तो किसी औरत  के हाथों से।  क्योकि महिषासुर जानता था कोई बी  औरत इतनी बलवान नहीं होगी की उसे मार सके सो वह अमर हो जायेगा।   
 
महिषासुर की ऐसी बात सुनकर ब्रह्माजी ने तथास्तु कहा और चले गए। वरदान मिलते ही  महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया। देवता घबरा गए। देवताओं ने एकजुट होकर महिषासुर का सामना बी किया जिसमें भगवान विष्णु ने भी उनका साथ दिया, लेकिन महिषासुर के हाथों सभी को पराजय का सामना करना पड़ा क्योंकी  ब्रह्मा जी का वरदान था। उसे कोई बी देवता नहीं हरा सकता था। देवलोक पर महिषासुर का राज हो गया।

Maa Durga ke 9 roop with name 

 
महिषासुर से रक्षा करने के सभी देवताओं ने भगवन शिव से प्रार्थना की तो भगवन शिव  ने देवताओ को सलाह दी की उन्हें  भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना करनी चाहिए क्योकि  ब्रह्माजी के वरदान के अनुसार  महिषासुर को एक महिला ही  मार सकती है।  तोह देवताओ  ने मिलकर माता की पूजा जी और उन सभी के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने एक बेहद खूबसूरत अप्सरा के रूप में देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया। देवी दुर्गा  का रूप  देख महिषासुर उन पर मोहित हो गया और उनसे शादी करने का प्रस्ताव सामने रखा। महिषासुर बार बार माता से शादी कोशिश करता रहा
 
देवी दुर्गा ने उसकी बात मान गईं लेकिन एक शर्त  रखी | उन्होंने कहा कि महिषासुर को उनसे लड़ाई में जीतना होगा। माता ने कहा अगर तुम मेरे साथ लड़ाई में जीत गए तोह मैं तुमसे शादी करुँगी।   महिषासुर मान गया और फिर लड़ाई शुरू हो गई और येह लड़ाई  9 दिनों तक चली। दसवें दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर दिया और तभी से ये नवरात्रि का त्योहार  मनाया जाता है। नवरात्रि त्योहार में लोग व्रत रखते है और माता की पूजा सच्चे दिल से करते है ताकि माता उनकी हर मनोकामना पूरी करे।  नवरात्रो  खत्म होने के अगले दिन ही दशहरा मनाया जाता है |

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