रोशनी और खुशियों का त्योहार दिवाली, लक्ष्मी पूजा के बारे में है और यह इस त्योहार का एक प्रमुख अनुष्ठान है। माना जाता है कि यह त्योहार देवी लक्ष्मी की कृपा दिलाता है। भक्त अत्यधिक भक्ति और गहरी आस्था के साथ माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं। वर्ष 2024 में, लक्ष्मी पूजा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानि को किया जाएगा 31 अक्टूबर 2024.
ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर देवी लक्ष्मी घरों में आती हैं और दीपावली की रात मां लक्ष्मी की पूजा करने से समृद्धि, सफलता और सौभाग्य आता है।
लक्ष्मी पूजा 2024: शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि आरंभ – 31 अक्टूबर, 2024 – 05:22 पूर्वाह्न
अमावस्या तिथि समाप्त – 01 नवंबर, 2024 – 07:46 पूर्वाह्न
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 31 अक्टूबर 2024 – शाम 07:19 बजे से 09:11 बजे तक
प्रदोष काल – 31 अक्टूबर 2024 – शाम 06:35 बजे से रात 09:15 बजे तक
वृषभ काल – 31 अक्टूबर 2024 – शाम 07:19 बजे से 09:11 बजे तक
दिवाली लक्ष्मी पूजा 2024: भारत में शहरवार पूजा मुहूर्त
शहर | पूजा मुहूर्त |
पुणे | सायं 06:54 बजे से रात्रि 08:33 बजे तक |
नई दिल्ली | शाम 05:36 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
चेन्नई | शाम 05:42 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
जयपुर | शाम 05:44 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
हैदराबाद | शाम 05:44 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
गुडगाँव | शाम 05:37 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
चंडीगढ़ | शाम 05:35 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
कोलकाता | शाम 05:45 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
मुंबई | सायं 06:57 बजे से रात्रि 08:36 बजे तक |
बेंगलुरु | सायं 06:47 बजे से रात्रि 08:21 बजे तक |
अहमदाबाद | सायं 06:52 बजे से रात्रि 08:35 बजे तक |
नोएडा | शाम 05:35 बजे से शाम 06:16 बजे तक |
लक्ष्मी पूजा 2024: महत्व
लक्ष्मी पूजा मुख्य अनुष्ठानों में से एक है, जो दिवाली के शुभ दिन पर किया जाता है। लोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और देवी का दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए विभिन्न पूजा अनुष्ठान करते हैं। यह उत्सव का तीसरा दिन है, जब लोग धन, विलासिता, समृद्धि और प्रचुरता की देवी माँ लक्ष्मी का सम्मान करते हैं। प्रथम पूज्य भगवान होने के कारण माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। यह पूजा भक्तों के जीवन में दिव्य आशीर्वाद, समृद्धि और मनोकामना पूर्ति लाती है।
भक्त माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मूर्ति का आह्वान करना, मंत्रों का जाप करना, मंदिर जाना, दीये जलाना, रंगोली बनाना और विभिन्न पवित्र वस्तुओं की पेशकश करके उचित लक्ष्मी गणेश पूजा करना जैसे विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियाँ करते हैं। यह सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जब आपको भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर का भी आशीर्वाद लेने का अवसर मिल सकता है।
लक्ष्मी बीज मंत्र
“ओम श्रीं महा लक्ष्मीयै नमः”
महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः..!!
लक्ष्मी गायत्री मंत्र
“ओम महा लक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्नीयै च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात”
लक्ष्मी माता की आरती अंग्रेजी में
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
उमा राम ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गता..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता, जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि-सिद्धि धन पात..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
तुम पाताल-निवासिनी, तुम ही शुभदाता, कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवानीनिधि की त्राता..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता, सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
तुम बिन यज्ञ ना होते, वस्त्र ना कोई पता, खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जटा, रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पता..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता, उर आनंद समता, पाप उतार जाता..!!
ॐ जय लक्ष्मी माता..!!
लक्ष्मी माता आरती हिंदी में
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, राम, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संप्रभु दाता। जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
पाताल-निवासिनी, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहते हो, सब सद्गुण आते हैं। सब संभव हो जाता है,मन नहीं शंकाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब चौंकाता है॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। आपका आनंद समता,पाप उतर जाता है॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥